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Wednesday 18 July 2012

खुले में फेंका जा रहा है अंबेडकर अस्पताल का बायोमेडिकल कचरा


रायपुर, 4 जुलाई। प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय चिकित्सालय अंबेडकर अस्पताल का बायोमेडिकल कचरा खुले मैदान में फेंके जाने से आसपास के लोग तथा निर्माणाधीन नर्सिंग कालेज के कर्मचारी बेहद परेशान हैं। अंबेडकर अस्पताल का कचरा जिसमें उपयोग किये गये प्लास्टिक बोतल निडिल्स दवाइयों के रेपर के साथ साथ और भी कई सड़ी गली चीजें होती है जो कि बायोमेडिकल वेस्ट कहलाती है। इस तरह के वेस्ट को खुले मैदान में फेंकने से कई तरह की बीमारियां फैलने और संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है। पुरूष छात्रावास के पास फेंके जा रहे इस कचरे के ढेर में कई बार कटे हुए मानव अंग भी होते हैं जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। आसपास काम कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि इस संबंध में कई बार अस्पताल प्रशासन से खुले स्थान पर कचरा न फेंकने के लिये निवेदन किया जा चुका है पर अभी भी ऐसा किया जा रहा है। गौरतलब है कि जिस स्थान पर कचरा फेंका जा रहा है उसके पास ही पी.डब्लू.डी. का संभागीय कार्यालय एवं छात्र हास्टल है। अभी नर्सिंग कालेज का निर्माण भी किया जा रहा है। इस प्रकार यहां लोगों की आवाजाही लगातार बनी रहती है ऐसे स्थान पर बायोमेडिकल वेस्ट डाले जाने से लोग बेहद परेशान हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर अस्पताल के सहायक अधीक्षक डॉ. ए.पी. पडरहा ने बताया कि बायोमेडिकल वेस्ट को उठाने के लिये भिलाई की एक कंपनी को ठेका दिया गया है चूंकि भिलाई से गाड़ी इसे उठाने आती है इसलिये समय लग जाता है पर कचरे को रोज उठाया जाता है हालांकि कचरे को देख कर यह स्पष्ट है कि यह बायोमेडिकल वेस्ट नियमित रूप से नहीं उठाया जा रहा है आसपास के लोगों का भी कहना है कि दो तीन दिनों तक यह वेस्ट खुले में पड़ा रहता है। मानव अंगों तथा अन्य सामग्रियों के होने के कारण कुत्तों और सुअरों का भी जमावड़ा लगा रहता है। इस तरह से कभी भी यहां खतरनाक बीमारियां फैल सकती है। सहायक अधीक्षक डॉ. पडरहा  के अनुसार इस अपशिष्ट के एक स्थान पर संग्रहित कर इसे उठवाने के लिये एक टे्रचिंग ग्राऊंड बनाने की योजना है जिसके लिये पहले जमीन नहीं मिल पा रही थी पर अब निगम के सहयोग से जमीन ढंूढ ली गई है। इसके लिये टेंडर की प्रक्रिया जारी है। बहरहाल यह बायोमेडिकल वेस्ट लोगों के लिये परेशानी का सबब बन चुका है।