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Wednesday 18 July 2012

सफाई व्यवस्था में गैंगवार


रायपुर, 16 जुलाई। राजधानी के नगर पालिक निगम के सफाई विभाग में इन दिनों सेन्ट्रल गैंग और जोन गैंग के नाम पर बंदरबाट चल रही है। शहर की सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने तथा विभिन्न आवश्यक कार्यों के लिये निगम द्वारा विभिन्न आवश्यक कार्यों के लिये निगम द्वारा सेंट्रल तथा जोन गैंग बनाकर सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी पर वर्तमान में गिने चुने कर्मचारी ही कार्य पर उपस्थित हो रहे हैं। लेकिन सभी कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज कराकर पैसे का भुगतान करा लिया जाता है। विदित हो कि शहर में होने वाले विभिन्न आयोजनों तथा आवश्यक कार्यों के लिये शहर स्तर पर कम से कम 40 कर्मचारी तथा जोन स्तर पर 20-25 कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी थी और कागजों में यह नियुक्ति की भी गई पर इतने कर्मचारी कार्यस्थल पर कभी भी उपस्थित नहीं रहते हैं। जबकि इनमें से अधिकांश कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज कराकर हर महीने का वेतन निकाला जा रहा है इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की आशंका है क्योंकि सफाई कर्मचारियों द्वारा समय पर वेतन नहीं दिये जाने का आरोप भी अधिकारियों पर लगाया जाता रहा है। जोन स्तर पर भी यही स्थिति है सभी 8 जोनों में जोन गैंग बनाया तो गया है पर इनके द्वारा कब कहां कार्य किया जाता है इसे लेकर हमेशा संदेश बना रहता है। निर्धारित संख्या से कम कर्मचारियों की नियुक्ति कर पूरे कर्मचारियों के पैसे का भुगतान करने का मामला भी अभी कुछ ही दिनों पूर्व सामने आया था ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट है कि सेंट्रल तथा जोन गैंग के नाम पर अधिकारियों द्वारा पैसों का जमकर बंदरबाट किया जा रहा है। इसका बुरा प्रभाव शहर की सफाई व्यवस्था पर पड़ रहा है। विशेष रूप से बारिश के मौसम में शहर की सफाई व्यवस्था का और भी बुरा हाल है। जगह-जगह कीचड़ और गंदगी नजर आने लगी है। ऐसी स्थिति में अधिकारियों द्वारा सफाई कर्मचारियों के पैसे से खेले जा रहे खेल से यह स्पष्ट है कि निगम के अधिकारी शहर की सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिये कितने गंभीर हैं। इस मामले में निगम से जुड़े जनप्रतिनिधियों की खामोशी से उनकी भी अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर पैसों के इस खेल में शामिल होने की संभावना को बल मिलता है। बहरहाल जहां एक ओर शहर की सफाई व्यवस्था दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। इससे आम जनता में नाराजगी का वातावरण बना हुआ है।